हिन्दी दिवस

बढ़े चलो हिन्दी की डगर हो अकेले फिर भी मगर मार्ग की काँटे भी देखना फूल बन जाएँगे पथ पर हिन्दी की बिन्दी को मस्तक पे सजा के रखना है सर आँखो पे बिठाएँगे यह भारत माँ का गहना है HINDI DIWAS

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